खोरठा कविता संग्रह
(मनाही–कविता)|
Khortha Poem New 2023
⬇️⬇️⬇️
कविता का आनंद लीजिए
⤵️⤵️⤵️
![]() |
Khortha Poem |
👉कविता – मनाही
Poem – Manahi
जे तोरा प्यार दलको
खुशी के संसार दलको
ओकरा कभी रूलावल नाय जाहे
जे मुश्किल घड़ी में साथ दलको
डूबे घरी जे तोरा हाथ दलको
ओकरा कभी भुलावल नाय जाहे
जे अंखियां से पाइन बरसेल नाय दलको
कोय चीज खातिर कभी तरसेल नाय दलको
ओकरा कभी ठुकरावल नाय जाहे
जकर साथ पढ़ली खेलली आर मस्त हलहीं
बचपन से जवानी तक जबरदस्त हलहीं
नजर ओकर से चुरावल नाय जाहे
जे राखलको तोर जिनगिया सजाइके
जे राखलको दिला में तोरा बसाइके
दुवाइर से ओकरा घुरावल नाय जाहे
जे आदर न करलको तोर लाज के
सुनलको न धीरे सिसकी आवाज के
जोर से टिस के ओकरा बुलावल नाय जाहे
अपने अदमिया बनो है आस्तीन के सांप
पैसा ही हकव आजकल साबके मांय बाप
अपन राज यहां ककरो बतावल नाय जाहे
जे सामने से मिलो है हैंसके गले
मगर पीछे से खड़ा रहो है छुरा लले
हाथ ओकर से मिलावल नाय जाहे
जकर से राखबी दिल से बड़ी लगाव
लेकीन कइर दतो वेहे दिला में घाव
दिल ओकर से फिर लगावल नाय जाहे
जे समझतो न ज़िंदगी के हालात के
न तोरा समझतो न तोर मन के बात के
ओकरा कभी समझावल नाय जाहे
👍👍👍