हमर बिटिया रानी – खोरठा कविता|
Hamar Bitiya Rani – Khortha
Poem|New 2023
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Khortha Poem New 2023|खोरठा कविता |
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कविता – हमर बिटिया रानीKavita – Hamar Bitiya Rani
अभी तो अंगुरिया पकईर के चले हले
गोदिया में खेला हले बिटिया रानी
मन भैर अभी तो खेलल भी नाय है
न जाने कखनी बिटिया होय गले श्यानी
दिनभैर के काम से जब
बेरिया के आवो हियै मकान
पपा काहले पनिया लइके दौड़ो है
मिट जाहे हमर साब थकान
भोरे भोरे साब घर आंगन कइरके
दू चुट्टी बाइंधके जाहे फिर स्कूल
कोय चीज वास्ते कभी जिद नाय करअ
रहो है बढ़िया से सबसे मिलजुल
हमरा खुश करअ खातिर
हर काम में हाथ बटावो है
हमर हर चीज के ध्यान राखो है
टाइम पर दवाय खिलावो है
भैंज जा है चेहरवा देखकेे
जे घाव हमर अंदर है
फिर हंसावो है हमरा प्यार से
परी जैसन लागो उ सुन्दर है
दुनिया भले अलग कइर दतले
बाप बेटी के अलग नाय करैतले
साबकुछ बनैतले भगवान
बेटी विदाई के नियम नाय बनैतले