Khortha poem - Naya Mushkil|
खोरठा कविता - नया मुश्किल
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Khortha Poem |
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कविता - नया मुश्किल
Kavita - Naya Mushkil
खड़ा होइप करी है एक नया मुश्किल
पढ़े लिखे में दे दलको साभे ढील
मौज मस्ती में लागो हो साबके दिल
लागल रहो है बनावेम फेसबुक रील
देखके हालत ई लागो हो
अनपढ़ के जमाना फिरो ऐतो
आगे चैलके जतना हीरो ऐतो
साबके परीक्षा में नंबर जीरो ऐतो
बचल खुचल हथा में जे है कितबा
वोहो हथा में मोबाइल आय जिते
दखते ही दखते येहेे तरी
अविष्कार के जमाना हराय जिते
पैसा तो राहतो पर अकिल नाय
ध्यान जितो खाली हवस पर
फिर अपने तबाही दखबे साभै
आपन व्हाट्सएप स्टेटस पर