Khortha Poem - Changer|खोरठा कविता -चंगेर| New 2023 ⬇️⬇️⬇️
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Khortha Poem New| खोरठा कविता |
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कविता – चंगेर
कतना मासूम दखा है
सपनवा में गुम दखा है
उछल कूद नाच गाना
खुशी से मालूम दखा है
नौक दुनिया के दखेल
समझेल सिखेल खोजो है
पढ़े से ज्यादा मस्ती करो है
बड़का हीरो बनेल खोजो है
कखनियो गोसा चढ़ो है
कखनियो आवो है प्यार
कखनियो बदमाशी करो है
कखनियो बैन जा है यार
चंगेर के कभी तरसइयो नाय
ओकर खुशी कीन दिहो
खुलल आसमान में उड़ेल दिहो
आजादी न छीन लिहो